Sunday, 30 April 2023

मेरी कला मेरे शब्दों में

मेरे चित्र केवल ब्रश स्ट्रोक या कैनवास पर रंगों का मिश्रण नहीं हैं। यह मेरे अंदर उदीप्त होने वाले भावनाओं का प्रतिबिम्ब है जिसे मैं चित्रकला के रूप में प्रस्तुत करता हूँ। यह मेरे लिए एक सुविधाजनक माध्यम है। 
सद्भाव, प्रेम, बलिदान, शांति, सौंदर्य, आध्यात्मिकता, रचनात्मकता को बढ़ावा देना और समाज के हर वर्ग में कला के प्रति जागरूकता लाना ही मेरा एक छोटा सा प्रयास है।  आदिशक्ति माता जानकी की कृपा से मिथिला की कला संस्कृति बहुत ही समृद्ध हुई है।  मैंने इन विषयों को आधुनिक कला के माध्यम से चित्रित किया है।  मेरी पेंटिंग का विषय मछुआरा और उसकी सामाजि जीवनशैली पर आधारित है। मैं मछुआरा समाज के सदस्य के रूप में इन विषयों को चित्रकला के रूप में सहजता से  प्रस्तुत करता हूँ। मछुआरे के जीवन से मेरे कई अनुभव हैं जो मेरे चित्रों में परिलक्षित होते हैं। ये अनुभव मुझे समृद्ध सामाजिक-आर्थिक, सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन को दर्शाने में मेरी मदद करते हैं। मेरी कलाकृति में मूर्त एवं अमूर्त चित्रण का समावेश है जो कला के अद्भुत भाव समेटे हुआ है। मैंने इस समाज के विभिन्न विषयों को करीब से देखा और अनुभव किया है। मैंने मछुआरों के जीवन की वास्तविकता, कुरूपता एवं सौंदर्य आदि का स्वयं ही बालकाल से अनुभव किया है। मैंने उनकी कठिनाइयों, उनके आनंद और उनके संघर्ष को महसूस किया। अस्तित्व की संघर्ष के बीच वह सबके सामने स्वयं को आसानी से ढाल लेते हैं। यह उन लोगों की विशेषता है जो हर प्रतिकूल परिस्थिति या मौसम जैसे उमस और भीषण गर्मी, ठंड आदि में अपने काम से विचलित नहीं होने देते  हैं। मानव निर्मित या भाग्य-निर्मित बाधाओं को गर्व से पराजित करते हुए वे विभिन्न माध्यमों से अपनी जीवन यापन करते हैं, जैसे मत्स्य पालन, मखाना उत्पादन, आम, लीची इत्यादि। 
मछुआरा समाज का जीवन जो मेरी पेंटिंग का प्रमुख विषय है, जो स्त्री, पुरुष और मछली से बना है, जो अत्यंत आकर्षक, आनंददायक और चंचल स्वभाव का है।  मत्स्यांगना की सुंदरता अविश्वसनीय है और एक अप्सरा की तरह दिखती है। दूसरी ओर मछुआरा सख्त और खुरदरा दिखाई देता है जो मछुआरे समाज के जीवन को दर्शाता है।  एक मछुआरे की नाव और मछली पकड़ने का जाल केवल कमाई का साधन नहीं है बल्कि वर्णन से बिलकुल परे है। मेरी कला इस दुनिया और सार्वभौमिक तत्वों के अंतर्विरोधों को भी दर्शाती है, चाहे वह मनुष्य का जीवन हो, जलपरी हो या कोई और।  इस पृथ्वी पर प्रत्येक जीव किसी न किसी रूप में स्वयं को सिद्ध करने के लिए प्रयासरत है और मैं इसे अपने चित्रकला के माध्यम से प्रतिबिंबित करने की कलात्मक कोशिश करता हूं। 
मानवीय संवेदनाओं और जटिलताओं की समझ को ध्यान में रखते हुए मैंने इसे रंग, ब्रश, चारकोल आदि के माध्यम से चित्रित किया है। समाज की आंतरिक भावना से प्रेरित ग्रामीण एवं शहरी जीवन शैली को मैंने संलग्न किया है, जिसमें कलात्मक चित्रों द्वारा चतुराई और सुंदरता को दर्शाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों से रंग और ब्रश की मेरी यात्रा में, मेरी पेंटिंग्स शहरी-सार्वजनिक जीवन के विषय को सूक्ष्म रूप से शामिल करती हैं।  मुझे इन विषयों पर कला की रचना करने में बहुत खुशी महसूस होती है, जैसे अमूर्त सौंदर्य, आध्यात्मिक अनुभव और अतियथार्थवादी कल्पना कला के तीन मुख्य बिंदु हैं।  इस अनुभव के कारण मैं अपने कला में आत्मा हूँ।  जो रचनात्मक विकास में एक मंत्रमुग्ध करने वाली ऊर्जा का नेतृत्व करने में सक्षम है।  लेकिन इतना तय है कि मैंने अपनी पेंटिंग के जरिए इन तमाम विषयों को समाज के सामने रखा है।  सदियों से समाज प्रेम, सौंदर्य, शोषण, संघर्ष, भावना, वास्तविकता, अमूर्तता, प्राचीन, आधुनिक और हमेशा के लिए किसी न किसी रूप में रहता है। मेरे कला संग्रह के माध्यम से विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों का अन्वेषण करें।

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